THE 5-SECOND TRICK FOR HANUMAN CHALISA

The 5-Second Trick For hanuman chalisa

The 5-Second Trick For hanuman chalisa

Blog Article

युग सहस्त्र जोजन पर भानु का अर्थ क्या है? हनुमान चालीसा में सूर्य की दूरी और वैज्ञानिक तथ्यों का रहस्य

Nevertheless, once Hanuman was traveling previously mentioned the seas to head to Lanka, a drop of his sweat fell inside the mouth of a crocodile, which ultimately become a child. The monkey infant was sent through the crocodile, who was quickly retrieved by Ahiravana, and raised by him, named Makardhwaja, and produced the guard of the gates of Patala, the former's kingdom.

व्याख्या – श्री हनुमान जी को जन्म से ही आठों सिद्धियाँ प्राप्त थीं। वे जितना ऊँचा चाहें उड़ सकते थे, जितना छोटा या बड़ा शरीर बनाना चाहें बना सकते थे तथा मनुष्य रूप अथवा वानर रूप धारण करने की उनमें क्षमता थी।

हरिओम शरण की मधुर आवाज में हनुमान चालीसा

Hanuman can be an ardent devotee of Ram and one of many central characters within the renowned Hindu epic, the Ramayana

श्याम-श्याम भजि बारंबारा । सहज ही हो भवसागर पारा ॥ इन सम देव न दूजा कोई ।..

Some great benefits of chanting (looking at or reciting) Hanuman Chalisa strains is thought to draw in Shri Hanuman Ji’s grace – invoking his divine intervention to click here remove worry and remedy significant issues in everyday, product and spiritual daily life.

मुक्ति के चार प्रकार हैं – सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य एवं सायुज्य। यहाँ प्रायः सालोक्य मुक्ति से अभिप्राय है।

గమనిక: శరన్నవరాత్రుల సందర్భంగా "శ్రీ లలితా స్తోత్రనిధి"

भावार्थ – आपकी इस महिमा को जान लेने के बाद कोई भी प्राणी किसी अन्य देवता को हृदय में धारण न करते हुए भी आपकी सेवा से ही जीवन का सभी सुख प्राप्त कर लेता है।

Your browser isn’t supported any longer. Update it to get the ideal YouTube experience and our hottest functions. Find out more

सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।

छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।

Report this page